बिटिया

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POEMS

5/9/20241 min read

वक्त से पहले ख्वाब कुचल दिए गए,

के हाथ मेंहदी से रंग दिए गए,

बाबू ने नही पूछी बिटिया, पसंद का है तोरी ?

बस दूसरे के पलड़े में बांध दिए गए,

सब रहे थे झूम झूम,

नई दुल्हींन का माथा चूम चूम,

किसीने न समझी मन की विपदा,

बिटिया के मन की दुविधा,

होने चली बिटिया की बिदाई,

रोए बाबू, रोती माई, रोता है छोटा भाई,

लेकिन कोई भी समझ न पाए,

किसमे है बिटिया की भलाई,

बिटिया ने थे कई ख्वाब सजाए,

लेकिन अब गृहस्ती चलाए ,

ये बात काहे कोई समझ न पाये,

वो भी तो है जीना चाहे,

काहे करते हो बाबा तुम ?

मुझमें और भैया में अंतर,

यही प्रश्न पूछे हर बिटिया,

लेकर मन में पीड़ा भयंकर....

- अजय चौरसिया

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