माँ
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POEMS
5/9/20241 min read
माँ! तुम हमेशा होती हो साथ मेरे साएँ की तरह,
चाहे कितना भी दूर रहूं मैं तुमसे,
तुम्हे न जाने कितनी परेशानियां होती है,
पर तुम सदा मुस्कुराती रहती हो,
और यह मुस्कान ही मेरी हिम्मत है माँ!
तुम न हो तो जीवन जैसे कोई,
उपवन पतझड सा वीरान हो,
तुम बिछड़ जाओगी एक दिन,
ये सोच कर रूह काप उठती है,
ये विरह इतना दुःखदायी है,
जिसकी कोई सीमा नही है,
नाव जैसे बिन पतवार,
सिर्फ पानी पर बह रही हो,
और कोई किनारा ना हो,
तुम सदा साथ रहना मेरे माँ!...
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