बुद्धि।

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HINDIJUNE 2024POEMS

7/4/20241 min read

आज का युग विज्ञान का युग है। इसी विज्ञान की वजह से इंसान अपनी हर समस्या का समाधान ढूंढ़ पाया है, चाहे समस्या जैसी भी हो। किसी भी तरह की बीमारी से कोई ग्रसित हो, किसी तरह की तकनीकी खराबी हो किसी भी यंत्र में, या पढ़ाई-लिखाई में दिक्कतें आ रही हों जैसे कि कठिन विषयों को जल्दी से समझना और समझी हुई बातों को याद रखना, या घर पर बिजली की समस्या। लेकिन विज्ञान से ही इंसान को अपनी सारी समस्याओं का हल मिलेगा, इस बात का उसे पता कैसे चला? उसी से, जिसके सहारे हम सभी किसी का चिंतन करते हैं, या किसी की चिंता करते हैं, या फिर किसी खेल में या परीक्षा में जीत हासिल करते हैं बुद्धि ।

इतिहास इस बात का गवाह रह चुका है, बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए इंसान बड़े से बड़े संकटों का हल निकाल चुका है। छत्रपति शिवाजी महाराज, रानी लक्ष्मीबाई, पंडित रामाकृष्ण तेनाली, बीरबल, आचार्य चाणक्य आदि महारथियों ने अपनी बुद्धिमत्ता से कदम कदम पर हमारे भारतीय संस्कृति की, हमारे भारत की रक्षा की, दुश्मनों को धूल चटाई। जब योग्य आहार और ज्ञान का प्रवेश इंसान में होता है, तब जाकर बुद्धि का विकास होता है। तभी जाकर इंसान पहेलियों को सुलझा सकता हैसही-गलत, योग्य-अयोग्य, निश्चित-अनिश्चित, ईमानदारी-बेईमानी, आदि के बीच का अंतर इंसान समझ पाता है। योग्य निर्णय लेना, योजनाएं बनाना, एकाग्रता बढ़ाना, ध्यान लगाना, नई भाषाओं को सीखना, अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचना इन सभी कामों को करना भी बुद्धि के सहारे ही संभव है। कईं लेखकों के लिए, कवियों के लिए, गीतकारों के लिए, इतिहासकारों के लिए, कहानीकारों के लिए बुद्धि वरदान है, जिसके कारण इन्हें इनके कार्यों की वजह से हर जगह मान-सम्मान और यश की प्राप्ति होती है।

जहां एक ओर बुद्धि के सदुपयोग से कईं लोग समाज, देश और दुनिया को विकास की ओर ले जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग निजी स्वार्थ की पूर्ति करने के लिए बुद्धि का दुरुपयोग करके समाज, देश और दुनिया को विनाश की ओर ले जा रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस देखा जाए तो काफी अद्भुत टेक्नोलॉजी है, लेकिन कुछ लोग इसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए, शर्मिंदा करने के लिए। बंदूकें, तलवारें इस्तेमाल की जा रही हैं लोगों की रक्षा करने के लिए, लेकिन कुछ लोग इनका इस्तेमाल कर रहे हैं केवल छोटे-मोटे झगड़ों में दूसरों की जानें लेने के लिए, जिसमें निर्दोषों की बेरहमी से हत्या की जा रही है। कुछ लोग तो इन हथियारों को दुनिया भर में दहशत फैलाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैंअब यहां सवाल उठता है कि बुद्धि का दुरुपयोग न हो, इस बात को सुनिश्चित करने के लिए क्या किया जाए? इसका एक ही हल है जीवन ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता में मौजूद अच्छी बातों को अमल में लाना। उसमें भगवान योगेश्वर श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है, “अनेकचित्तविभ्रान्ता (१६.१६-१७) इस श्लोक में भगवान योगेश्वर श्रीकृष्ण बताते हैं कि कई प्रकार के विचारों से भ्रमित, मोह के जाल में फंसे, भोगों और वासनाओं में लिप्त लोग अशुद्ध नरक में गिरते हैं। “तेषां सततयुक्तानां(१०.१०) इस श्लोक में भगवान बताते हैं कि वो लोग जो भगवान की प्रेमपूर्ण भक्ति करते हैं, उन्हें वे स्वयं मोक्ष दिलवाने वाली बुद्धि प्रदान करते हैं। “अहमात्मा गुडाकेश सर्वभूताशयस्थितः।(१०.२०) इस श्लोक में भगवान बताते हैं कि वे स्वयं सभी जीवों में वास करते हैं। “उद्धरेदात्मनाऽऽत्मानं(६.५) इस श्लोक में भगवान बताते हैं कि इंसान चाहे तो स्वयं का ही फायदा या नुकसान करवा सकता है।

जब तक लोग जीवन ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता के ज्ञान को अमल में नहीं लाएंगे, तब तक बुद्धि का सही रास्ते पर जाना नामुमकिन है। और जो लोग इस जीवन ग्रंथ के ज्ञान को अमल करेंगे, उन्हें बुद्धिमान बनने से, अच्छा इंसान बनने से कोई नहीं रोक सकता।

धन्यवाद।

-लेखक और कवि: मकरंद रमाकांत जेना-